दुर्गा सप्तशति के कुछ प्रमुख सिद्ध-सम्पुट मंत्रा

!! दुर्गा सप्तशति के कुछ प्रमुख सिद्ध-सम्पुट मंत्रा !!

सब प्रकार के कल्याण के लिए

सर्वमंगलमांगल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके ।

शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणि नमोस्तु ते।

महामारी नाश के लिए

ॐ जयन्ती मङ्गला काली भद्रकाली कपालिनी ।

दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तु ते ॥

विपत्ति नाश के लिए

शरणागत दीनार्त, परित्राण परायणे ।

सर्वस्यार्तिहरे देवी, नारायणि नमोस्तुते ।।

भय नाश के लिए

सर्वस्वरूपे सर्वेशे सर्वशक्ति समन्विते ।

भयेभ्याहि नो देवि दुर्गे देवि नमोऽस्तु ते ॥

धन व विद्या प्राप्ति के लिए

विद्यावन्तं यशस्वन्तं लक्ष्मीवन्तं जनं कुरु ।

रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि ।।

दरिद्वत्ता व दुःखादि नाश के लिए

दुर्गे स्मृता हरसि भीतिमशेषजन्तो,

स्वस्थै स्मृता मतिमतीव शुभाम् ददासि ।

दारिद्य दुख भय हारिणी का त्वदन्या।

सर्वोपकारकारणाय सदाह्यद्रचिता ।।

विश्वव्यापी विपत्तियों के नाश के लिए

देवि प्रपन्नार्तिहरे प्रसीद प्रसीद मातर्जगतोऽखिलस्य ।

प्रसीद विश्वेश्वरि पाहि विश्व त्वमीश्वरी देवि चराचरस्य ।।

बाधा शान्ति के लिए

"सर्वाबाधाप्रशमनं त्रैलोक्यस्याखिलेश्वरि ।

एवमेव त्वया कार्यमस्मद्वैरिविनाशनम् ।।"

स्वपन में ऋद्धि-सिद्धि जानने के लिए

"दुर्गे देवि नमस्तभ्यं सर्वकामार्थसाधिके ।

मम सिद्धिमसिद्धिं वा स्वप्ने सर्वं प्रदर्शय ॥

बीज मंत्र

महासरस्वती - ॐ ह्रीं श्रीं सरस्वत्यै नमः ।

महाकाली - ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे नमः ।

महालक्ष्मी - ॐ श्रीं ह्रीं ऐं कमलवासिन्यै स्वाहा।

हर बाधा को मिटाने के लिए

ॐ श्रीं हरि ॐ कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने ।

प्रणत क्लेशनाशाय गोविन्दाय नमो नमः ॐ श्रीं हरि ॐ