चालीसा
!! दुर्गा चालीसा !!
ॐ सर्व मंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके । शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणी नमोऽस्तुते । नमो नमो दुर्गे सुख करनी, नमो नमो अम्बे दुख हरनी । निरंकार है ज्योति तुम्हारी, तिहुँ लोक फैली उजियारी ।
!! शिव चालीसा !!
जय गिरिजा पति दीन दयाला । सदा करत सन्तन प्रतिपाला ॥ भाल चन्द्रमा सोहत नीके । कानन कुण्डल नागफनी के ॥ अंग गौर शिर गंग बहाये । मुण्डमाल तन क्षार लगाए ॥ वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे । छवि को देखि नाग मन मोहे ॥
!! हनुमान चालीसा !!
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर । जय कपीस तिहुँ लोक उजागर ।। राम दूत अतुलित बल धामा। अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा ।। महाबीर बिक्रम बजरंगी। कुमति निवार सुमति के संगी।। कंचन बरन बिराज सुबेसा। कानन कुण्डल कुंचित केसा ।।