जगदम्बे माता जी की आरती
!! जगदम्बे माता जी की आरती !!
ऊँ जय अम्बे गौरी, मैय्या जय श्यामा गौरी मैय्या जय मंगल मूरति,
मैय्या जय आनन्द करणी, मैय्या जय संकट हरणी ।
मैय्या जय जय जय करनी, मैय्या जय ऋद्धि सिद्धी करनी
तुमको निस दिन ध्यावे, माता जी को सदा ही मनावे,
हर ब्रह्म विष्णु हरि । ऊँ जय अम्बे गौरी ।
माँग सिन्दूर विराजे, टीको मृगमद को, मैय्या टीको मृगमद को ।
उज्ज्वल से दो नैयना, निर्मल से दो नैयना, चन्द्र बदन नीको ।
ॐ जय अम्बे गौरी ।
ऊँ जय अम्बे गौरी ।
कनक समान कलेवर, रक्ताम्बर साजे, मैय्या रक्ताम्बर साजे ।
रक्त पुष्पगल माला, कण्ठन पर साजे, ऊँ जय अम्बे गौरी ।
केहरि वाहन राजत, खडग खप्पर धारी, मैय्या खडग खप्पर धारी,
सुर नर मुनि जन सेवत, तिनके दुखः हारी, ऊँ जय अम्बे गौरी ।
कानन कुण्डल शोभित, नासाग्रे मोती, मैय्या नासाग्रे मोती
कोटिक चन्द्र दिवाकर, राजत सम जोती ।
ऊँ जय अम्बे गौरी ।
शुम्भ निशुम्भ विदारे महिषा सुर घाती, मैय्या महिषा सुर धाती ।
धुम्र विलोचन नैना निर्मल से दो नैयना, निस दिन मदमाती ।
ऊँ जय अम्बे गौरी
चौसठ योगिनी मंगल गावत नृत्य करत भैरों। मैय्या नृत्य करत भैरों ।
बाजत ताल मृदंगा, बाजत ढोल मृदंगा और बाजत डमरू ।
ऊँ जय अम्बे गौरी ।
भुजा चार अति शोभित, खड्ग खप्पर धारी, मैय्या खड्ग खप्पर धारी
मंनवाछित फल पावे, सेवक नर नारी ।
ऊँ जय अम्बे गौरी ।
दो भुज चार चतुर्भुज अष्टभुज ते सोहे, मैय्या अष्टभुज ते सोहे ।
तीनो रूप निरखता माता जी के रूप निरखता, त्रिभुवन मन मोहे ।
ॐ जय अम्बे गौरी ।
तुम ब्रह्माणी तुम रुद्राणी, तुम कमला रानी, मैया तुम कमला रानी ।
आगम निगम बखानी, चारों वेद बखानी, तुम शिव पटरानी ।
ऊँ जय अम्बे गौरी ।
औढ़त नील पीताम्बर, गल मौतियन माला, मैय्या गल मौतियन माला ।
सेवक शरण तुम्हारी दास है शरण तुम्हारी, तुम जय जय जय ज्वाला ।
ऊँ जय अम्बे गौरी ।
कंचन थाल विराजत, अगर कपूर बाती, मैय्या अगर कपूर बाती ।
चिट्टाना गाँव में विराजत, कोटि रतन ज्योति ।
ऊँ जय अम्बे गौरी ।
माता जी की आरती जो कोई नर गावे मैय्या प्रेम सहित गावे ।
मैय्या रल मिलकर गावे, मैय्या तन मन से गावे ।
कहत शिवानंद स्वामी, मन भजत हरि हर स्वामी,
मनवांछित फल पावे ।
ऊँ जय अम्बे गौरी ।
जय अम्बे गौरी, मैय्या जय श्यामा गौरी,
मैय्या जय मंगल मूरति, मैय्या जय आनन्द करणी,
मैय्या जय संकट हरणी, मैय्या जय जय जय करनी,
मैय्या जय ऋद्धि सिद्धी करनी, तुमको निस दिन ध्यावे, माता जी
को सदा ही मनावे, सेवक नर नारी ।
ऊँ जय अम्बे गौरी । ।
ॐ जयन्ती मंगला काली, भद्रकाली कपालिनी ।
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री, स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते ।।
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