जय माता की
!! जय माता की !!
माता री रिद्धी दे, सिद्धी दे, अष्ट नव निधि दे।
वंश में वृद्धि दे, माँ श्री भवानी।
हृदय में ज्ञान दे, चित्त में ध्यान दे, महा वरदान दे, मन मानी ।
गुणों की रीत दे, चरणों में प्रीत दे, शत्रुओं से जीत दे, माँ श्री भवानी
दुःखों को दूर कर, सुख भरपूर कर, जागती है ज्योति अम्बे राजरानी
ज्योति जागती है भवानी, ब्रह्मा विष्णु के मन मानी
घ्यावे मुनी और ज्ञानी माँ श्री भवानी ।
सच्चे महा माई करती, कलयुग में सहाई करती, भक्तों को उभारती
घ्यावे देवी को संसार समी नर और नार, मुख से बोले जय-जयकार,
वेद पढ़ते हैं, विद्यार्थी माँ श्री भवानी ।
स्वर्ण का सिंहासन करती, मन्दिर में प्रकाशन करती ।
सब दुःखों का नाशन करती, घंटा झन झन करती ।
सुन ले हंस प्यारा अम्बे कर देगी निस तारा, हमको इसी का सहारा
बेड़ा भवसागर से तारती माँ श्री भवानी ।
निश्चय मन को रोक लो, श्री अम्बे जी को धोक लो,
गाओ भक्ति से माँ की आरती ।
जो यह माँ की आरती गावे, माता के चरणों में चित्त लगावे
जग में सभी सुखों को पावे, अन्तर देवी ध्यान सुधारती माँ श्री भवानी
जय जगदम्बे के धाम सारे शास्त्रों को प्रणाम
गावे वेद व्यास भगवान, महिमा चारों वेद पुकारती
जो अम्बे जी से यह वर पाते जो नर नार इसको गाते ।
पूर्ण सुख सम्पत्ति सुख पाते, अन्तर देवी ध्यान सुधारती ।
माँ श्री भवानी ।
शरणागतदीनातं परित्राण्परायणे ।
सर्वस्यार्तिहरे देवि नारायणी नमोऽस्तुते ।।
!! श्री गणेश जी की आरती !!
!! माता चिट्टाने वाली की जय !!
!! जगदम्बे माता जी की आरती !!
!! काली जी की आरती !!
!! जय माता की !!
!! श्री ज्वाला काली देवी जी की आरती !!
!! आरती श्री लक्ष्मी जी की !!
“आरती श्री जगदीश जी की "
!! आरती सन्तोषी माता जी की !!
!! आरती श्री हनुमान जी की !!
!! आरती श्री शिव शंकर जी की !!