आरती सन्तोषी माता जी की

!! आरती सन्तोषी माता जी की !!

ॐ जय सन्तोषी माता, मैय्या जय सन्तोषी माता,

अपने सेवक जन को सुख सम्पत्ति दाता ।

सुन्दर चीर सुनहरी माँ धारण कीन्हों,

हीरा पन्ना दमके तन शृंगार लीन्हो ।

गेरू लाल छटा छवि बदल कमल सोहे,

मंद हसंत करूणामयी त्रिभुवन मन मोहे ।

स्वर्ण सिंहासन बैठी चंवर डुले प्यारे,

धूप दीप मधु मेवा भोग लगे न्यारे ।

शुक्रवार प्रिय मानत आज दिवस सोहे,

सन्तोषी कहलाई भक्तन विभव दीजैं ।

मन्दिर जगमग ज्योति मंगल ध्वनि छाई,

विनय करें हम बालक चरनन सिर नाई ।

भक्ति भावमय पूजा अंगीकृत कीजे,

जो मन बसे हमारे इच्छा फल दीजे,

पूजा कथा श्रवणकर घर आनन्द आयो ।

शरण गये की लज्जा रखियो जगदम्बे,

संकट तू ही निवारे दयामयी माँ अम्बे ।

सन्तोषी माँ की आरती जो कोई नर गावे,

ऋद्धि-सिद्धि सुख सम्पत्ति जी भर के पावे ।।