आरती श्री जगदीश जी की

!! आरती श्री जगदीश जी की !!

ॐ जय जगदीश हरे, प्रभु ! जगदीश हरे ।।

भक्तजनों के संकट क्षण में दूर करे ।। ॐ।।

जो ध्यावै फल पावै, दुख बिनसे मनका ।। प्रभु ।।

सुख-सम्पत्ति घर आवै, कष्ट मिटै तन का ॥ॐ॥

मात-पिता तुम मेरे, शरण गहूं मैं किसकी ।। प्रभु ।।

तुम बिनु और न दूजा, आस करूँ मैं जिसकी ।। ऊँ ।।

तुम पूरन परमात्मा, तुम अन्तर्यामी ।। प्रभु ।।

पार ब्रह्म परमेश्वर, तुम सबके स्वामी ।। ऊँ ।।

तुम करुणा के सागर, तुम पालनकर्त्ता ।। प्रभु ।।

मूरख खल कामी, कृपा करो भर्ता ।। ऊँ ।।

तुम हो एक अगोचर, सबके प्राणपति ।। प्रभु ।।

किस विधि मिलूँ दयामय ! तुमको मैं कुमति ।। ऊँ ।।

दीनबन्धु दुखहर्ता, तुम ठाकुर मेरे ।। प्रभु ।।

अपने हाथ उठाओ, द्वार पड़ा मैं तेरे ।। ऊँ ।।

विषय-विकार मिटाओ, पाप हरो देवा ।। प्रभु ।।

श्रद्धा-भक्ति बढ़ाओ, संतन की सेवा ।। ऊँ ।।

तन-मन-धन सब कुछ है तेरा ।। प्रभु ।।

तेरा तुझको अर्पण क्या लागे मेरा ।। ऊँ।।

श्री श्याम सुन्दर जी की आरती जो कोई नर गावे ।। प्रभु ।।

कहत शिवानन्द स्वामी मनवांछित फल पावे ।। ऊँ।।